एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सीयूईटी में केंद्रीयकृत काउंसलिंग की मांग को लेकर यूजीसी चेयरमैन को ज्ञापन सौंपा

बीवीपी ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा आयोजित हो रही परीक्षाओं के संबंध में एक ज्ञापन जारी किया है। इस ज्ञापन में बीवीपी ने यह मांग भी रखी है कि ये परीक्षाएं केवल सरकारी एवं विश्वसनीय केंद्रों पर ही आयोजित की जाएं और देश में सीयूईटी परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने सीयूईटी के अंतर्गत विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए कॉमन काउंसलिंग करने की मांग की है। एबीवीपी के अनुसार, यह सुविधा आईआईटी और एनआईटी के छात्रों को पहले ही
उपलब्ध है। एबीवीपी के ज्ञापन में कहा गया है कि सीयूईटी के छात्रों को भी इस सुविधा से लाभ देने की आवश्यकता है।
इस मांग के सम्बंध में, एबीवीपी ने शनिवार को यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार को एक ज्ञापन भेजा है। एबीवीपी के ज्ञापन में कहा गया है कि इस सुविधा को सीयूईटी के अंतर्गत शामिल किया जाना चाहिए।
एबीवीपी के प्रतिनिधि बताते हैं कि सीयूईटी के छात्रों के लिए इस सुविधा को शामिल करने से उन्हें अनेक परेशानियों से निजात मिलेगी। अगर सीयूईटी
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के छात्रों को भी इस सुविधा का लाभ मिलता है तो इससे इनके परिवारों को भी फायदा होगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपनी जबान से दूसरे विषयों के साथ-साथ एनटीए के द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं को सरकारी एवं विश्वसनीय केंद्रों पर ही आयोजित होने की मांग की है। इसके अलावा इस परिषद ने शनिवार को एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्य शुक्ल के नेतृत्व में यूजीसी चेयरमैन से मुलाकात की। इस संवाद में छात्रों के ऊपर आर्थिक दबाव की बढ़ती हुई समस्याओं को भी
उठाया गया था।
एबीवीपी ने अपनी जबान से सीयूईटी के अंतर्गत विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए कॉमन काउंसलिंग करने की भी मांग की है। इस संबंध में यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार ने विचार करने का आश्वासन दिया है।
शुक्ल ने बताया है कि सीयूईटी में बहुत से छात्र शामिल हो रहे हैं इसलिए यह आवश्यक है कि प्रवेश प्रक्रिया सरल हो और काउंसलिंग व्यवस्था को अधिक सुविधाजनक बनाया जाए। छात्रों को आर्थिक स्थिति के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया में केवल एक बार शुल्क देना होगा।