चक्रवात बिपरजॉय: लैंडफॉल स्थान, अपेक्षित नुकसान, तैयारी और समय
Cyclone Biparjoy: चक्रवात बिपरजॉय इस सप्ताह के अंत तक भारत और पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में दस्तक देने के लिए तैयार है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है, जिसमें व्यापक नुकसान की चेतावनी दी गई है। जवाब में, दोनों देशों ने इस गंभीर चक्रवाती तूफान के प्रभाव को कम करने के लिए निवारक उपाय किए हैं। आइए चक्रवात बिपरजॉय के विवरण में जाएं, जिसमें इसके लैंडफॉल स्थान, अपेक्षित नुकसान, तैयारी और समय शामिल हैं।
लैंडफॉल स्थान और प्रभाव:
चक्रवात बिपरजॉय के गुजरात के मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच दस्तक देने का अनुमान है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चक्रवात के दस्तक देने के दौरान 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान जताया है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने तूफान की व्यापक हानिकारक क्षमता पर जोर दिया, जिसमें गुजरात के द्वारका, जामनगर, कच्छ और मोरबी जिलों
में सबसे तेज हवाएं चल रही हैं।
चक्रवात बिपरजॉय से प्रभावित क्षेत्र:
रिपोर्टों से पता चलता है कि गुजरात के आठ जिलों के चक्रवात बिपरजॉय से प्रभावित होने की आशंका है। मौसम विभाग ने 15 जून को कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर में अत्यधिक भारी बारिश (20 सेमी से अधिक) का अनुमान लगाया है। इसके अलावा पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय इलाकों में भी छह मीटर ऊंची ज्वारीय लहरों का खतरा है, जिससे संवेदनशील समुदायों की सुरक्षा के लिए निकासी उपाय किए जा रहे हैं।
अपेक्षित नुकसान:
आईएमडी प्रमुख और weather.com दोनों ने चक्रवात बिपार्जॉय के कारण होने वाले संभावित नुकसान पर प्रकाश डाला है। कच्चे घरों को व्यापक नुकसान होने की संभावना है, जबकि पक्के घरों को भी कुछ संरचनात्मक नुकसान हो सकता है। चक्रवात के साथ आने वाली तेज गति की हवाएं उड़ने वाली वस्तुओं का खतरा पैदा करती हैं, जिससे निवासियों
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के लिए सतर्क रहना महत्वपूर्ण हो जाता है। बिजली और संचार के खंभे उखड़ने की आशंका है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। किसानों को फसलों, वृक्षारोपण, बागों और पेड़ों के गिरने के संभावित नुकसान के लिए तैयार रहना चाहिए।
चक्रवात बिपरजॉय के लिए तैयारी:
भारत और पाकिस्तान दोनों में अधिकारी चक्रवात बिपार्जॉय के प्रभाव को कम करने के लिए सक्रिय उपाय कर रहे हैं। निम्नलिखित तैयारियां की गई हैं:
1. निकासी: गुजरात में, तटीय जिलों से लगभग 20,580 लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां उन्हें भोजन और पीने के पानी जैसी आवश्यक आपूर्ति प्राप्त होगी।
2. स्कूल की छुट्टियां और मछली पकड़ने का संचालन: प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी हैं। समुद्र में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में मछली पकड़ने के कार्यों को भी निलंबित कर दिया गया है।
3. आपदा प्रतिक्रिया बल: गुजरात ने बचाव कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ)
की 21 टीमों और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 13 टीमों को तैनात किया है। ये टीमें अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं और आपात स्थिति के दौरान सहायता प्रदान करने के लिए सुसज्जित हैं।
4. अतिरिक्त निकासी: अधिकारियों ने तट से 5 किलोमीटर के दायरे में निचले इलाकों से लोगों को निकाला है। जरूरत पड़ने पर वे और लोगों को निकालने के लिए तैयार हैं।
समाप्ति:
जैसे-जैसे चक्रवात बिपरजॉय करीब आता है, नवीनतम जानकारी के साथ अपडेट रहना और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है। गुजरात के मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच संभावित लैंडफॉल लोकेशन के साथ-साथ तेज हवाओं और भारी बारिश ने प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा कर दिया है। निकासी, आपदा प्रतिक्रिया बलों की तैनाती और मछली पकड़ने के कार्यों के निलंबन सहित तैयारियों के साथ, संभावित नुकसान को कम करने और जोखिम वाले समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।