गेहूं की कमी से बदहाल हुई पाकिस्तान की गरीब जनता

पाकिस्तान में इस समय खाने की कमी से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस समस्या का मुख्य कारण देश भर में गेहूं की कमी है, जिससे आटे की कीमत बढ़ती जा रही है और लोग खाने के लिए इससे पहले से ज्यादा पैसे खर्च करने के मजबूर हो रहे हैं। इस वजह से पाकिस्तान में गरीब जनता को भूखमरी का सामना करना पड़ रहा है।
इस समस्या को लेकर पाकिस्तान के कई हिस्सों में लोगों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी किए हैं। कुछ लोगों ने सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है कि वह जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करें। सरकार की तरफ से कुछ कदम भी उठाए गए हैं जैसे कि आटे की कीमत को कम करने
के लिए सब्सिडी देना और गेहूं की खेती को बढ़ावा देना। इसके अलावा, निजी सेक्टर ने भी इस समस्या को देखते हुए कुछ कदम उठाए हैं जैसे कि खाद की आपूर्ति में वृद्धि करना और खेती को स्वच्छ तकनीक से करना।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रमजान महीने में गरीब लोग इन चीजों से इफ्तार कर रहे थे। लेकिन इस बार हालात इस कदर खराब रहे कि लोग दुकान में बची हुई चीजों पर निर्भर हो रहे हैं। हर दिन लाखों लोग सरकारी दुकानों के बाहर राशन लेने जा रहे हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। इसलिए कि सरकारी दुकानों पर सब्सिडी वाला गेहूं मिलना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि इसे पहले ही अमीर लोग खरीद लेते हैं।
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सभी मुद्दों से यह सवाल उठता है कि गरीब लोग कब तक सब्र करेंगे।
खाने की कमी बढ़ रही है। इसकी कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं, जो हर दिन नई ऊँचाई पर पहुँच रही है। पाकिस्तान संख्यात्मक ब्यूरो की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 19 अप्रैल, 2023 को इसकी कीमतें साल-दर-साल 47.2 फीसदी बढ़ गईं। पाकिस्तान में भोजन की व्यवस्था इतनी खराब हो गई है कि लोग खाने के लिए दौड़-भाग करते दिखाई देते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हजारों लोग आटे के लिए लाइन में लगते हैं, लेकिन सिर्फ कुछ ही लोगों को यह अवसर मिलता है।
पाकिस्तान में आटा बांटने के दौरान दरवाज़े तक भीड़ इकट्ठी हो जाती है जिससे कुछ लोग घायल भी होते हैं। इसके अलावा गरीब
खरीदारी करने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और सरकार द्वारा भेजे गए आटे को भी उनसे छीन लिया जा रहा है। इससे देश में अराजकता फैलने लगी है जो और भी बढ़ सकती है। जब तक भूख और गरीबी है, गरीबों को सब्र रखना मुश्किल होगा।
अंत में, गेहूं की कमी से प्रभावित होने वाले पाकिस्तान के गरीब लोगों की स्थिति चिंताजनक है। उन्हें खाने के लिए महंगा दाम देना पड़ रहा है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में और दरारें पैदा हो रही हैं। सरकार को इस मुश्किल से निपटने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने की जरूरत है ताकि लोगों को अपने रोटी का सही दाम मिल सके और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।